बदलते मौसम में मलेरिया बुखार के रोगी बढ़े
एस्प्रिन या ब्रूफ्रेन जैसी दवाओं से बिगड़ सकती है सेहत
हाल ही में दिल्ली सरकार ने बदलते मौसम को देखते हुए एनएचएआईडी नॉन स्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेट्री ड्रग्स के अंतर्गत आने वाली करीब 12 से 15 दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है। दिल्ली में ये दवाएं डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन के बगैर नहीं मिल सकेंगी। वहां डॉक्टरों का मानना है कि इन ड्रग्स से मच्छर जनित बीमारियां जिनमें प्लेटलेट्स कम होती हैं, से व्यक्ति की जान का खतरा होता है। जिले में भी मलेरिया की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, बुखार के मरीजों तेजी से बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हफ्तेभर में जिलेभर से जुटाए गए साप्ताहिक आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक मलेरिया के 6 मरीज मिल चुके हैं। जबकि डायरिया के 415 और बुखार के मरीजों की संख्या 600 पार जा चुकी है।
प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम करती हैं ये दवाएं : विशेषज्ञ
वरिष्ठफिजीशियन डॉ. अनिल खुराना बताते हैं कि एस्प्रिन, ब्रूफेन, पैरासिटामॉल, डाइक्लोफेनेक, एनॉसिन, एकोट्रिन समेत कई दवाएं आम तौर पर लोग बुखार बदन दर्द पर लेते हैं। ये दवाएं डेंगू रोग में इस्तेमाल करने पर सबसे अधिक खतरनाक होती हैं। क्योंकि डेंगू होने पर लोगों को शुरुआत में मालूम नहीं होता। डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से घटती हैं। तकलीफ होने पर झोलाछाप डॉक्टर या लोग खुद ही इस तरह की दवाएं ले लेते हैं, जिससे प्लेटलेट्स की संख्या और अधिक तेजी से घटने लगती है मरीज को कई बार खून की उल्टियां होने लगती हैं। इससे मरीज की जान भी जा सकती है।
वरिष्ठफिजीशियन डॉ. अनिल खुराना बताते हैं कि एस्प्रिन, ब्रूफेन, पैरासिटामॉल, डाइक्लोफेनेक, एनॉसिन, एकोट्रिन समेत कई दवाएं आम तौर पर लोग बुखार बदन दर्द पर लेते हैं। ये दवाएं डेंगू रोग में इस्तेमाल करने पर सबसे अधिक खतरनाक होती हैं। क्योंकि डेंगू होने पर लोगों को शुरुआत में मालूम नहीं होता। डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से घटती हैं। तकलीफ होने पर झोलाछाप डॉक्टर या लोग खुद ही इस तरह की दवाएं ले लेते हैं, जिससे प्लेटलेट्स की संख्या और अधिक तेजी से घटने लगती है मरीज को कई बार खून की उल्टियां होने लगती हैं। इससे मरीज की जान भी जा सकती है।
आईएमएफैलाएगा जागरूकता बैठक में लेगी बड़े फैसले
दिल्लीसरकार के फैसले लेने के बाद जैसे ही साप्ताहिक रिपोर्ट में मलेरिया के मरीजों की जानकारी मिली। आईएमए की ओर से भी अब इन ड्रग्स के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी। आईएमए अध्यक्ष डॉ. संदीप चौहान ने बताया कि इन ड्रग्स को तो पूरी तरह से ही बैन होना चाहिए। ये कहीं से भी फायदेमंद नहीं हैं। डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन के ये बिकनी नहीं चाहिए। इसके लिए आईएमए अपनी बैठकों में डॉक्टरों से इन ड्रग्स के बारे में चर्चा जागरूकता कार्यक्रम प्लान करेगी।
दिल्लीसरकार के फैसले लेने के बाद जैसे ही साप्ताहिक रिपोर्ट में मलेरिया के मरीजों की जानकारी मिली। आईएमए की ओर से भी अब इन ड्रग्स के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी। आईएमए अध्यक्ष डॉ. संदीप चौहान ने बताया कि इन ड्रग्स को तो पूरी तरह से ही बैन होना चाहिए। ये कहीं से भी फायदेमंद नहीं हैं। डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन के ये बिकनी नहीं चाहिए। इसके लिए आईएमए अपनी बैठकों में डॉक्टरों से इन ड्रग्स के बारे में चर्चा जागरूकता कार्यक्रम प्लान करेगी।
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