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गेहूं खरीद : एजेंट्स की नियुक्ति के टेंडर नोटिस स्थगित


एफसीआई और प्रशासन असमंजस में है कि हाईकोर्ट का आदेश सिर्फ याचिकाकर्ता के टेंडर पर प्रभावी या दोनों जिलों की सभी 15 मंडियों के लिए है !!
हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिलों में एफसीआई की ओर से हैंडलिंग व परिवहन एजेंट्स की नियुक्ति के संबंध में हाईकोर्ट का आदेश जारी होने से प्रशासन व एफसीआई के अधिकारी असमंजस में हैं। मंगलवार को एफसीआई ने 12 मार्च को एजेंट्स की नियुक्ति के लिए निकाले गए टेंडर नोटिस को स्थगित करने के विज्ञापन भी प्रकाशित करवा दिए। अभी अधिकारी समझ नहीं पा रहे हैं कि हाईकोर्ट का स्टे आर्डर दोनों जिलों की सभी 15 मंडियों के लिए है या सिर्फ याचिकाकर्ता की ओर से डाले गए टेंडर वाली मंडियों के संदर्भ में है। फिलहाल एफसीआई ने पूरी प्रक्रिया रोक दी है। कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 29 अप्रैल रखी है और तब तक हालात बिगड़ सकते हैं। इसके चलते एफसीआई ने इससे पहले ही हाईकोर्ट में अलग से याचिका दायर करने की बात कही है। उधर, प्रशासनिक अधिकारी भी इस मामले में असमंजस में हैं। रसद अधिकारी सुनील वर्मा ने एफसीआई की जगह तिलम संघ से खरीद करवाने के प्रस्ताव की बात कही है लेकिन वे यह बताने में असमर्थ हैं कि तिलम संघ की ओर से खरीद करवाने पर परिवहन के टेंडर नए सिरे से निकालने की जरूरत होगी या नहीं। कुछ ऐसी ही स्थिति तिलम संघ के अधिकारियों की भी है।
यह है मामला
हनुमानगढ़ जिले के कमरानी गांव निवासी मेजर सिंह ने टिब्बी मंडी के लिए गेहूं के परिवहन व हैंडलिंग का टेंडर डाा था। मेजर सिंह ने बताया कि उसका टेंडर टेक्निकल बिड में कमी बताकर खारिज कर दिया गया। इसके खिलाफ मेजर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और दिल्ली में एफसीआई के एडिशनल डायरेक्टर कार्यालय व जयपुर में जीएम कार्यालय को शिकायत की। मेजर सिंह के मुताबिक हाइकोर्ट ने टिब्बी के मामले में टेंडर प्रक्रिया पर 29 अप्रैल तक स्टे ऑर्डर जारी कर दिया और एफसीआई के उच्चाधिकारियों ने हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिलों की सभी मंडियों में हैंडलिंग व परिवहन एजेंटों की नियुक्ति पर रोक लगा दी।


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