भारतीय किसान संघ की बैठक में बोले किसान
पीलीबंगा. 'ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का सही नहीं हुआ आंकलन'
भारतीय किसान संघ की मासिक बैठक कृषक विश्राम गृह में तहसील अध्यक्ष रामकुमार धारणियां की अध्यक्षता में हुई। इसमें संघ प्रतिनिधियों ने बताया कि गत दिनों हुई ओलावृष्टि प्रभावित चकों 2 टीकेडब्ल्यू, 8 व 9 यूटीएस, 32 व 34 एलएल डब्ल्यू में 75 से 90 प्रतिशत तक फसलें बर्बाद हुई परंतु प्रशासन द्वारा उनका 40 प्रतिशत ही आंकलन किया गया है। संघ ने बर्बाद हुई फसलों के आंकलन को सही करवाने के लिए एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। इसके अलावा संघ ने 15 हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम का भी एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी को सौंपा। इसके अलावा कृषि जिंसों की झराई की जाली का नंबर सही अवगत करवाने की मांग करते हुए कृषि उपज मंडी समिति सचिव मोहनलाल मीणा को ज्ञापन दिया गया।
बैठक में संघ ने बताया कि आबयाना वसूली का अभियान पंचायत स्तर पर 2 दिन का रखा गया है एवं आबयाना 4 से 6 वर्ष का बकाया है तथा एनडीआर नहर क्षेत्र के 65 चकों का कार्य एक पटवारी को सौंप रखा हैं, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संघ ने अभियान को प्रत्येक चक में एक दिन का समय देने की मांग करते हुए तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
इसके साथ रतनपुरा ढाणी से प्रेमपुरा तक संपर्क सड़क के डामरीकरण करने की भी मांग की गई। बैठक को संघ के जिलाध्यक्ष प्रेम बेनीवाल, जिला महामंत्री प्रगट सिंह बराड़, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र डेलू व तहसील महामंत्री हरीश पचार आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में हरी राम पचार, विनोद धारणियां, विनोद मांझू, गोपीराम सियाग, राजाराम गोदारा व गुरजीत सिंह आदि मौजूद थे।
बैठक में संघ ने बताया कि आबयाना वसूली का अभियान पंचायत स्तर पर 2 दिन का रखा गया है एवं आबयाना 4 से 6 वर्ष का बकाया है तथा एनडीआर नहर क्षेत्र के 65 चकों का कार्य एक पटवारी को सौंप रखा हैं, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संघ ने अभियान को प्रत्येक चक में एक दिन का समय देने की मांग करते हुए तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
इसके साथ रतनपुरा ढाणी से प्रेमपुरा तक संपर्क सड़क के डामरीकरण करने की भी मांग की गई। बैठक को संघ के जिलाध्यक्ष प्रेम बेनीवाल, जिला महामंत्री प्रगट सिंह बराड़, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र डेलू व तहसील महामंत्री हरीश पचार आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में हरी राम पचार, विनोद धारणियां, विनोद मांझू, गोपीराम सियाग, राजाराम गोदारा व गुरजीत सिंह आदि मौजूद थे।
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