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एक साथ उठी तीन अर्थियां, हर आंख में आंसू

लिखमीसर | एक साथ एक ही घर से जब तीन अर्थियां उठी तो वहां मौजूद हर एक शख्स की आंख से आंसू व मुंह से रुलाई फूट पड़ी। ओमप्रकाश खिलेरी का बचपन उनके पैतृक गांव लिखमीसर में बीता था, उस घर में वह अपनी युवावस्था तो नहीं गुजार सका। क्योंकि अध्ययन के लिए वह बाहर चला गया व उसके बाद इंडियन एयरफोर्स में भर्ती होकर 20 वर्ष तक आकाश की ऊंचाई को छुआ और बाद में बीकानेर स्थित करणीनगर में अपना स्थाई निवास बना लिया परंतु बुधवार का दिन ओमप्रकाश व उसके परिवार के लिए किसी अनहोनी से कम नहीं था। ट्रक की टक्कर से कार में सवार स्वयं, पत्नी व बेटी काल का ग्रास बन गए तथा भगवान का शुक्र है कि बेटा इस हादसे में बच गया 

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