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पाक्षिक काव्य गोष्ठी

पीलीबंगा |अखिल भारतीय साहित्य परिषद, श्री जयलक्ष्मी साहित्य कला एवं नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में मंच के कला भवन में पाक्षिक काव्य गोष्ठी प्रधानाध्यापक सुखविंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई। शुरुआत में सर्वप्रथम कवि बलविंद्र भनोत ने गणगौर व वैशाखी पर क्षणिकाएं सुनाईं व गीत 'आजकल गीत साज ते बाजार है' गाकर कड़वी हकीकत पेश की। देवीलाल महिया ने कविताएं 'गोर री चिड़कली' व 'अस्पताल' आदि क्षणिकाएं सुनाकर खूब मनोरंजन किया। गजल गायक नवदीप भनोत ने 'बस तस्वीरें रह जाती हैं दीवार पर टांगी हुई' गाकर जीवन की क्षणभंगुरता पेश की। लेखक विजय बवेजा ने वैशाखी पर्व पर कविता 'हंस लो गा लो खुशियां मना लो आया वैशाखी का त्योहार' पेश कर वैशाखी पर्व की महिमा बताई। कुलदीप चौहान ने शिक्षाप्रद लघुकथाएं सुनाईं। बृजेंद्र भलेरिया ने अंबेडकर की जीवनी पर प्रकाश डाला। संचालन विजय बवेजा ने किया। 

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