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सफाई व्यवस्था को लेकर पालिका प्रशासन नाकाम

पीलीबंगा. पालिका प्रशासन द्वारा कस्बे में वार्डों को साफ-सुथरा रखने के लिए ठेकेदार द्वारा सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई है, लेकिन उनकी लापरवाही के चलते वार्डों में सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये सफाईकर्मी नियुक्ति के कुछ महीनों बाद ही वार्डों में नियमित रूप से नहीं जाते, जिससे जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा है। क्षेत्र के प्रमुख संपर्क मार्गों पर कई महीने से लगे कूड़े के ढेरों से दुर्गंध उठने लगी है, जिससे आने-जाने वाले लोगों का निकलना दूभर हो गया है। यही कारण है कि वार्डों की नालियां जाम हैं और सड़कें गंदगी से पटी हुई हैं। लोगों का कहना है कि कुछ ठेकेदारों ने सफाई कर्मियों को माहवारी मजदूरी पर रख लिया है, जो महीने में नियमित वार्डों की सफाई नहीं करते है। इनकी मनमानियों के चलते 25 वार्डों की सफाई व्यवस्था रामभरोसे है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कस्बे में ठेके पर दिए गए वार्डों में गंदगी के लगे ढेर व नालियों से ओवरफ्लो होता गंदा पानी यहां की प्रमुख समस्या है। क्योंकि पालिका प्रशासन ने यहां की बागडोर चंद ठेकेदारों के हाथ में दे दी है, जो कि अपनी मनमानी करते है। वार्ड 12-13 की सफाई व्यवस्था पर प्रति माह करीब डेढ़ लाख रुपए से भी ज्यादा खर्च किया जा रहा है। मगर नालियों की सफाई नहीं होने से पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बिखरा रहता है, जिससे राहगीरों को एक पैर उठाकर निकलना पड़ता है। वार्ड चार, छह व नौ में तो सफाई व्यवस्था बिल्कुल ठप है। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने पालिकाध्यक्ष से सफाई कराने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। अगर शीघ्र ही पालिका द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वार्डवासी आंदोलन करेंगे। 

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